नकली बन चली दुनिया में मशगूल
जब कभी पलट कर देखे तो
सिर्फ रेगिस्तान सा नज़र आया !
मंजर भी नहीं बदला और नज़ारे
हमें बदलता देख जैसे भूल गए
इस समय और उस समय में
यही तो है न अंतर !!
जब कभी पलट कर देखे तो
सिर्फ रेगिस्तान सा नज़र आया !
मंजर भी नहीं बदला और नज़ारे
हमें बदलता देख जैसे भूल गए
इस समय और उस समय में
यही तो है न अंतर !!
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