अबोध मन ,
ढूंढता चिर परिचित ,
मां की धड़कन और स्पर्श ,
लेकिन वो कही नहीं फिर ,
ढूंढने का नाकाम प्रयास ,
चंद लम्हों में लौट आयी ,
मां की धड़कन पास !
जाना मासूम मन ने
चिल्लाहट में कितनी है
ताकत !!
अब जब भी जो चाहा
न मिला तो जान लिया
कैसे मिलेगा तुरंत बिना
किये कोई भी सवाल ,
बस थोड़ी सी चिल्लाहट
और सभी असहाय से
बुलायें मां को !!

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