Saturday, April 2, 2016

निश्छल प्यार

उन्हें देख आंखें झपकना भूलीं
मन अपनी उदासी और तड़प
दिल की धड़कन तेज हो चलीं
खुशी कई गुना बढ़ गयी
ऐसा क्या है उनमें अनोखा ?

सिर्फ एक निश्छल प्यार
शांत और प्यारी आवाज
खींचे हमें उनकी ओर
क्या है ना जाने अब तक !

दुनिया में अगर कोई ताकत
है सबके ऊपर तो वो है
प्यार, दूसरा कुछ भी नहीं
समझने लगे हमें साल !

कहीं भी हों तड़प जाए मन
उस निश्छल प्यार को
मां दुनिया में तेरी गोद में
है जो सुकून, है कहीं और ?




No comments:

Post a Comment