Friday, October 23, 2015

नारी के रूप


एक नारी के कितने रूप ?
बेटी , बहन , दोस्त , प्रेमिका ,
पत्नी , बहू , मां , भाभी , ननद ,
मामी , चाची , बुआ , मौसी !
हर रिश्ते में एक नयी झलक !
प्यार , कर्तव्य , समझ और
सामंजस्य का ही तो
नाम है नारी !
टूटते हुए इंसान का
नया विश्वास ,
बिगड़ते रिश्तों को
संवारती देती जान ,
आसानी से बदलती
सब कुछ मानो जादू  ,
हंसती खेलती सबकी जान
प्यार की डोर से बांधे ,
न हो घर लगे सुनसान !
हवा की तरह हल्की
पानी की तरह जरूरी ,
सांसों की तरह ,
फूलों की ताजगी से भरी
तेरी तारीफ़ के लिए
शब्द ही नहीं पास ,
सारांश यही कि नारी
ही परिवार की शान !!









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