बिना किसी आहट आयी खुशी
दबे पांव है विराजी खुशी
सबके चेहरों का रंग है बदले
सबके मन में हैं सपने रंगीन ,
हर तरफ उल्लास है छाया
काफी दिनों के बाद जैसे
कोई मेहमान हो आया ,
मेरा मन मेरे काबू में नहीं
क्या करूं ना जानूं अभी
कैसे मैं करूं इजहार इसे ,
खुशी है जो लाई मेरी
दुलारी बिटिया मुझे !!
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