दिल ने तो सिर्फ मचलना ही सीखा
लेकिन लोगों ने मचलते दिल को
तोडना सीखा,
रिश्तों की सुन्दर दुनिया में
रिश्तों की सुन्दर दुनिया में
लोगों ने सरे आम ठोकरें देना सीखा
हमने हर एक रिश्ते को
अकेले में सिसकते देखा
अकेले में सिसकते देखा
लेकिन आमने सामने होने पर,
दिखावे की खातिर हंसते देखा
दिखावे की खातिर हंसते देखा
अक्सर ही मन छटपटाता है ये पूछने
कि कौन है तेरा अपना
और कौन पराया ?
और कौन पराया ?
क्यों ये झूठा दिखावा ?
क्यों ये दम तोड़ती सिसकियां ?
क्यों ये दम तोड़ती सिसकियां ?
जर्रे जर्रे पर लिखे
तेरे नाम को मिटाने के बहाने
तेरे नाम को मिटाने के बहाने
करीब आकर तसल्ली पाती है ,
अगले ही क्षण मन को
छुपाकर तेरा नाम भी
छुपाकर तेरा नाम भी
भूलने का दिखावा करती है
कि कोई तुझे
कि कोई तुझे
गलती से भी बुरा न कहे
और ये नकलीपन
और ये नकलीपन
सिर्फ तुझे सबसे बचाने के लिए,
तू क्या जाने तड़प और प्यार ,
वो तो कब ही दफ़न हो गया
वो तो कब ही दफ़न हो गया
उसकी रूह भी लेकिन भटकती है
तेरी यादें दिल में छुपाये
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