भर आईं अंखियां देख तेरा प्यार ,
तुझे दूर भेज तरसा था मन कई बार ,
मैंने देखा तुझे सिर्फ प्यार से लेकिन ,
बच्चे का भार उठाये गर्भ में ,
कड़ी धूप की न परवाह ,
चली आई मीलों पार ,
एक नज़र देखने मुझे ,
धन्य है तेरा प्यार ,
इंसान ने तुझे कहा जानवर ,
मैंने दिया नाम "प्यार का मसीहा"
पशुओं से इंसान सच्चा प्यार ,
सीखें तो इंसानियत कायम रहे !!
ये है मेरी प्यारी सी बकरी
के सच्चे प्यार की कहानी !
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